दिवाली में ई-कॉमर्स कंपनियां कर सकती है 50 हजार करोड़ रु. तक का कारोबार, जो 4 साल पहले हजार करोड़ से भी कम था

कोरोना महामारी से कारोबार में आई सुस्ती को फेस्टिव सीजन में रफ्तार मिल सकती है। रेडसीर (Redseer) की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स का ग्रॉस मर्चेंडाइज वॉल्यूम 7 बिलियन डॉलर (51.52 हजार करोड़ रु.) तक पहुंच सकती है। जो पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुनी है।

अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर

हाल ही में जारी जीडीपी आंकड़ों में रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। जिससे आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ी हैं। ऐसे में फेस्टिव सीजन के दौरान ई-कॉमर्स सेक्टर में आई ग्रोथ से आर्थिक सुधारों को सहारा मिलने का अनुमान है। क्योंकि इससे लाखों नौकरियों के नए अवसर भी खुलेंगे।

जॉब के नए अवसर
फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियां लाखों की संख्या में नौकरियां ऑफर कर रही हैं। इसमें अमेजन 1,00,000 लोगों की नियुक्त करेगी। कंपनी के मुताबिक ये नौकरियां अस्थाई और फुल टाइम होंगी। इससे पैकिंग, कम समय में आर्डर को पूरा करने में मदद मिलेगी। अमेजन ने कहा कि इस महीने 100 नए गोदाम, पैकेज सेंटर और अन्य सुविधा केंद्रों की शुरूआत हो रही है।

फ्लिपकार्ट भी ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते चलन और समय पर ऑर्डर को पूरा करने के लिए अब 70,000 लोगों को हायर करने की योजना बना रही है। दरअसल कंपनी अपने सालाना बिग बिलियन डेज सेल की तैयारी में जुट गई है।

इसके अलावा लॉजिस्टिक सॉल्यूशन उपलब्ध कराने वाली कंपनी ई-कॉम एक्सप्रेस अगले कुछ दिनों में 30 हजार अस्थायी नौकरियां देने को लेकर विचार कर रही है। फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियों की मांग बढ़ने के मद्देनजर यह तैयारी की जा रही है। इससे पहले कंपनी ने 7500 लोगों की हायरिंग की थी।

आकर्षक ऑफर से बढ़ेगी बिक्री

भारत सहित दुनियाभर में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। जिसका असर कारोबार पर भी पड़ा है। ऐसे में कारोबारियों को अब दिवाली के साथ आने वाले फेस्टिव सीजन का इंतजार है। इसी दौरान ई-कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनियां अमेजन और फ्लिपकार्ट इस दौरान बिक्री बढ़ाने के लिए ग्राहकों को आकर्षक ऑफर्स ला रहीं हैं।

इसमें अमेजन का ग्रेट इंडियन शॉपिंग फेस्टिवल और फ्लिपकार्ट का बिग बिलियन डेज सेल ऑफर्स मुख्य रूप से शामिल हैं। रेडसीर की रिपोर्ट के मुताबिक फेस्टिव सेल इवेंट में 4 बिलियन डॉलर यानी करीब 30 हजार करोड़ रुपए की बिक्री हो सकती है।

ई-कॉमर्स का मार्केट साइज

दरअसल मार्केट में सस्ते 4जी डेटा की उपलब्धता के कारण ऑनलाइन मार्केट में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी रिलायंस जियो की है। जियो ने ग्राहकों को सबसे कम कीमत में इंटरनेट डेटा देने की शुरुआत की थी। जिसका कारण है कि वर्तमान में भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट 50 बिलियन डॉलर (3.68 लाख करोड़ रु.) का हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 तक भारत में 48 करोड़ लोगों तक इंटरनेट की पहुंच है। इसमें से 9 करोड़ लोग ऑनलाइन शॉपर्स हैं।

छोटे शहरों पर रहेगा फोकस

इस बार लगभग सभी ई-कॉमर्स कंपनियों ने टीयर-2 और टीयर-3 शहरों पर ज्यादा फोकस किया है। इसमें अमेजन, फ्लिपकार्ट सहित स्नैपडील जैसे दिग्गज शामिल हैं। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि साल 2020 तक ऑनलाइन शॉपर्स की संख्या 16 करोड़ के पार जा सकती है। जबकि टोटल ई-कॉमर्स बिक्री 38 बिलियन डॉलर (2.80 हजार करोड़ रु.) तक पहुंच सकता है।



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सस्ते 4जी डेटा की उपलब्धता के कारण ऑनलाइन मार्केट में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है।


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