भारत को ग्लोबल सुपरपावर बनाने में योगदान देगी न्यू एजुकेशन पॉलिसी, 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा कर क्रिटिकल थींकिंग को देगी बढ़ावा

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर आयोजित हुई कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई शिक्षा नीति एक क्वालिटेटिव एजुकेशन देने के लिए विजन सेट करती है। इसका लक्ष्य 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में हमारे एजुकेशन सिस्टम को दोबारा जीवित करना है। साथ ही यह इनक्यूजन और एक्सीलेंस के ऑब्जेक्टिव को भी पूरा करती है।

रटने की आदत खत्म करेगी NEP

राष्ट्रपति ने कहा कि NEP स्टूडेंट्स के बीच तनाव पैदा करने वाले अंकों या ग्रेड्स के लिए रटने की आदत को खत्म करेगी। ‘इम्पिमेंटेशन ऑफ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020: हायर एजुकेशन’ को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति क्रिटिकल थींकिंग और जांच की भावना को प्रोत्साहित करेगी। नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि, “ इसके लिए दो लाख से ज्यादा सुझावों पर ध्यान दिया गया है। इसलिए यह नीति एजुकेशन सिस्टम की चुनौतियों, आकांक्षाओं और समाधानों की जमीनी स्तर की समझ को दर्शाती है। ”

भारत को ग्लोबल सुपरपावर बनाने में करेगी मदद

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र की भूमिका UGC जैसे आयोग के जरिए मानदंडों के सेट करने तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए। बल्कि क्वालिटी पर फोकस करते हुए केंद्र के तहत आने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों को गुणवत्ता क्वालिटी सेट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को एक न्यायसंगत और नॉलेज सोसाइटी बनाने में लगातार प्रयासरत है। यह एक भारत-केंद्रित शिक्षा प्रणाली को लागू करता है, जो भारत को ग्लोबल सुपरपावर में बदलने में सीधे योगदान देगा।



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Conference on new education policy 2020| New education policy will contribute to make India a global superpower, will also meet the needs of the 21st century


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